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ओ पृथ्वी! / असंगघोष

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शेषनाग
उनके इशारे पर
 
हम मारे जाएँगे शंबूक के मानिंद?
 
हम नहीं मानते
तुम किसी ऐरा-गैरा के
फन पर टिकी हो
 
हमारे लिए तुम झुकी रहो
उनको गाने दो
प्रशंसा में गीत
भयभीत हो
मंत्रोच्चार करने दो
 
बस तुम
इसी तरह
झुकी रहो
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