*[[किस धज से ख़ुशबुओं का जनाज़ा उठा न पूछ / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[टूटा है जिस्म-ओ-जाँ का ये रिश्ता अभी अभी / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[इक अजनबी हूँ धुंध का चश्मा ल्गा लगा के देख / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[ख़्वाबों में ही बिताई हुई ज़िन्दगी का बोझ / ज़ाहिद अबरोल]]
*[[दुनिया ने तुझको जो कहा तस्लीम कर लिया / ज़ाहिद अबरोल]]