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15:26, 6 नवम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामनरेश पाठक
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>आंसू, गीत, हँसी,
नया जाल, नयी फाँस.
बसी टिकी, टूटी
नयी प्रीत, नयी रीत
ललकी, मटकी, दरकी,
नयी प्रेयसी, पुरानी मिस
ड्रेसिंग रूम..........
.........क्लब
.........होटल
और
.............सुबह हो गयी.
</poem>