Changes

तुम मेरे / रेखा चमोली

882 bytes added, 04:55, 13 दिसम्बर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रेखा चमोली |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा चमोली
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>किसी सस्ती-सड़कछाप
पत्रिका की
चलताऊ कहानी नहीं हो तुम
जिसे कोई
पढ़ ले मजबूरन
सफर काटने को
और उतरते वक्त
भूल आए
सीट पर मुड़ी-तुड़ी
तुम तो
जीवन के गहरे अनुभवों
यथार्थ की आंच से तपे-निखरे
कथानांक हो
जिसे बार-बार
पढ़े जाने पर भी
हर बार
कुछ-न-कुछ नया मिल जाता है
पाठक नहीं रह जाता
पहले सा।</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits