Changes

परिछन गीत / शिव कुमार झा 'टिल्लू'

2,038 bytes added, 12:27, 19 दिसम्बर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिव कुमार झा 'टिल्लू' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शिव कुमार झा 'टिल्लू'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत
आनक बेटी एली सासुर
गदरायल देओर भैंसुर
हासक हरमुनियाँ ल' ससुर देखाबथि बापक सनक पिरीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
बहुआसिन मोन उदासे
नहि हुअनि मलान सभ आशे
भास बढाबू अय परकन्या केर मोन ने होमय तीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
नहि गारि ने ओलहन देबनि
अपनहुँ बेटीकेँ देख लेबनि
पहिल सगुन ई परिछन आत्म नेहसँ लिऔन हियाकेँ जीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
आशीष भविष्यक आशा
तखने पूरत प्रत्याशा
मरौत उघारिने देखू ग'र सटाक' मायक रूपमे मीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
नारी सिनेह सरोवरि
बदलामे भेंटत दोबरि
आँगन संगम थिक नहि गंगा नहि यमुना दुहूक जीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत </poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits