540 bytes added,
13:21, 19 दिसम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राग तेलंग
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>जाने-पहचाने
जब जान लिए जाएंगे
तब दिखाई देंगे सामने
अनजाने
वे भी आए होंगे
जाने-पहचाने रास्तों से होकर
दु:ख बँट जाएगा
मिलते ही
हो सकता है
साथ ही रो पड़ें
यक-ब-यक.
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader