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13:34, 19 दिसम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राग तेलंग
|संग्रह=
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{{KKCatKavita}}
<poem>समय तय करता है
क्रिया,कर्ता,कर्म,उद्देश्य
समय में निहित है
सबका समय
सबकी स्मृति
सबके स्पंदन
समय रेत है
फिसल जाने को बेताब
समय पानी है
उड़ जाने को आतुर
समय
जीवन में
एक मौसम की तरह है
यह कुछ देर का है
पहले फिसलेगा
फिर उड़ जाएगा ।
</poem>