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14:32, 19 दिसम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राग तेलंग
|संग्रह=
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{{KKCatKavita}}
<poem>अभी अभी एक पत्ता
विलग हुआ है शाख से
यह समय में से
एक समय का झर जाना है
अभी अभी
एक पत्ता जहां से विलग हुआ है
ठीक वहीं
एक कोंपल फूटती दिखाई दे रही है
हरे रंग की रंगत लिए
जन्म के
मौसम के आगमन की यह सूचना
एक मधुर राग में है
देखो !
दश॔क की आंखों में
एक उम्मीद की चमक जागी है
पार्श्व में घटता हुआ
यह सब ही जीवनक्रम है ।
</poem>
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