गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कमाल की औरतें १३ / शैलजा पाठक
9 bytes removed
,
05:20, 20 दिसम्बर 2015
जहां मेरी दो चोटियों में बंधा मेरे लाल फीते का फूल
ऊपर को मुँह उठाये सूरज से नजरें मिलाता है।
मैं
</poem>
Anupama Pathak
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits