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अस्वीकरण
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जैसे जब से तारा देखा / अज्ञेय
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,
09:08, 31 मार्च 2008
जब तारा देखा <br>
सद्यःउदित <br>
--शुक्र
—शुक्र
, स्वाति,
लुब्धक--
लुब्धक—
<br>
कभी क्षण-भर <br>
यह बिसर गया <br>
जब से प्यार किया, <br>
जब भी उभरा यह बोध <br>
कि तुम प्रिय
हो--
हो—
<br>सद्यःसाक्षात्
हुआ--
हुआ—
<br>
सहसा <br>
देने के अहंकार <br>
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Sumitkumar kataria