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14:00, 28 जनवरी 2016 {{KKRachna
|रचनाकार=गौतम राजरिशी
}}
{{KKPustak
|चित्र=
|नाम=पाल ले इक रोग नादाँ
|रचनाकार=[[गौतम राजरिशी]]
|प्रकाशक=शिवना प्रकाशन, सीहोर-466001
|वर्ष= 2015
|भाषा=हिन्दी
|विषय=ग़ज़लें
|शैली=ग़ज़ल
|पृष्ठ=120
|ISBN=978-93-81520-07-9
|विविध=मुल्क की समस्त साहित्यिक पत्रिकाओं हंस,कादंबिनी,वागर्थ,कथादेश,आजकल,अहा ज़िंदगी,लफ़्ज़,अलाव वगैरह में ग़ज़लों का नियमित प्रकाशन
}}
====दो भूमिकाएँ====
* [[उदास बरखा रुत का शायर (डॉ राहत इंदौरी) / गौतम राजरिशी|उदास बरखा रुत का शायर - डॉ राहत इंदौरी ]]
* [[हमारे बाद अँधेरा नहीं उजाला है... (मुनव्वर राना) / गौतम राजरिशी|हमारे बाद अँधेरा नहीं उजाला है... - मुनव्वर राना ]]
====ग़ज़लें====
* [[बहो अब ऐ हवा ऐसे कि ये मौसम सुलग उट्ठे / गौतम राजरिशी]]
* [[बात रुक-रुक का बढ़ी फिर हिचकियों में आ गई / गौतम राजरिशी]]
* [[देखकर दहशत निगाहों की जुबाँ बेचैन है / गौतम राजरिशी]]
* [[लम्हा गुज़र गया है कि अर्सा गुज़र गया / गौतम राजरिशी]]
* [[उजली उजली बर्फ़ के नीचे पत्थर नीला नीला है / गौतम राजरिशी]]
* [[समाचार में सनसनी होती है / गौतम राजरिशी]]
* [[ज़रा जब चाँद को थोड़ी तलब सिगरेट की उट्ठी / गौतम राजरिशी]]
* [[सजा लूँ ख़ुद को मुकम्मल बहार हो जाऊँ / गौतम राजरिशी]]
* [[तू जिसकी ताक में मचान पर यूँ बेक़रार है / गौतम राजरिशी]]
* [[चुभती-चुभती सी ये कैसी पेड़ों से है उतरी धूप / गौतम राजरिशी]]
* [[झूठ बोलेगा तो ये आलम तेरा हो जायेगा / गौतम राजरिशी]]
* [[उनका एक बयान हुआ / गौतम राजरिशी]]
* [[ज़िंदगी से उम्र भर तक चलाने का वादा किया / गौतम राजरिशी]]
* [[ऊँड़स ली तू ने जब साड़ी में गुच्छी चाभियों वाली / गौतम राजरिशी]]
* [[एक मुद्दत से हुये हैं वो हमारे यूँ तो / गौतम राजरिशी]]
* [[ज़रा तूफ़ान से परवाज़ का जब सामना निकला / गौतम राजरिशी]]
* [[कितने ख़्वाबों के पर टूटे कितने उड़ने वाले हैं / गौतम राजरिशी]]
* [[सुबह से ही धौंस देती गर्मियों की ये दुपहरी / गौतम राजरिशी]]
* [[कुछ मेरी ज़िंदगी को भी आयाम दे / गौतम राजरिशी]]
* [[उठ ऐ क़लम संवाद कर / गौतम राजरिशी]]
* [[ज़ुल्फ़ से लिपटा जब तौलिया हट गया / गौतम राजरिशी]]
* [[आइनों पर आज जमी है काई, लिख / गौतम राजरिशी]]