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16:01, 25 मार्च 2016 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुधीर सक्सेना
|संग्रह=
}}
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<poem>
किसी के सपनों में आता है
हवामहल
किसी के सपनों में
बावड़ियां
किसी के सपनों में
बुर्ज
किसी के सपनों में
दूह-ढाणियां
तो किसी के सपनों में
प्राचीर
मगर
बाज वक्त
रेगिस्तान के सपनों में आता है
मोजड़ी में पांव दिए बीकानेर
</poem>