गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
नारी / उमा शंकर सिंह परमार
3 bytes added
,
21:14, 22 मई 2016
तुम बेटी भी नही
नारी तुम केवल
माँस का खूबसूरत
टुकडा
टुकड़ा
हो
पिशाचों की सैन्य टुकडी से
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits