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साथी जो साथ नहीं / बृजेश नीरज
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04:33, 14 जून 2016
जब शिराओं में जमने लगता है
समय
जमीन
ज़मीन
लाल हो कर बंजर हो जाती है
पीपल की जड़ें धरती से उखड़ कर
धँस जाती हैं दीवारों में
अनिल जनविजय
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