गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 11
243 bytes added
,
15:38, 22 जून 2016
}}
<poem>
कहीं हो रहा हरि कीर्तन,
कृष्ण कृष्ण गुण गाते थे,
कहीं देवता ब्राह्मण पण्डित,
गीता का रहस्य सुनते थे |
कहीं वेद ध्वनि सुन पड़ती थी,
कहीं मनहर साज सजाते
थे,
कहीं भक्त जय बोल बोलकर,
आनन्द उर न समाते
थे |
<poem>
Kailash Pareek
514
edits