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मैना का यात्रा वर्णन / प्रेम प्रगास / धरनीदास
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17:31, 19 जुलाई 2016
हम तनमन संकल्पऊ, तुव लगि राजुकुमार।
अब समुझत जस आवे, तस तुम करहु
विचार।।50।।
विचार।।57।।
</poem>
Sharda suman
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