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हिज्जे
दिल वो है कि फ़रियाद से लबरेज़ है हर वक़्त<br>
हम वो हैं कि कुछ मूँह मुँह से निकलने नहीं देते<br><br>
गर्मी-ए-मोहब्बत में वो है आह से माने'<br>
पंखा नफ़स-ए-सर्द का झलने नहीं देते<br><br>
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