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आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते / अकबर इलाहाबादी
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08:53, 10 मई 2008
वर्तनी ठीक की है।
आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते<br>
अर्मान
अरमान
मेरे दिल का निकलने नहीं देते<br><br>
ख़ातिर से तेरी याद को टलने नहीं देते<br>
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