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21:14, 26 जुलाई 2016 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रॉबर्ट फ्रॉस्ट
|संग्रह=
}}{{KKAnthologyDeath}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
मैंने चाहा कि मेरे घर में पूरे दिन,
चहचहाने वाली चिडिया कहीं दूर उड जाए ;
जब मुझे लगा कि मैं उसे और नहीं सहन कर सकता
तो मैंने उसे भगाने को दरवाजे से तालियां बजायीं।
एक हद तक इसमें मेरी ही गलती है।
चिडिया को इसके लिए दोषी नहीं कहा जाना चाहिए था।
और वस्तुत: गडबडी इसमें है कि हम किसी का गाना
बंद करा देना चाहें।
</poem>