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मच्छड़-वन्दना / जगदीश पाठक 'मधुकर'
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00:24, 29 जुलाई 2016
लहुवे टा श्रोता सें लै छोॅ तों दान ! जै होमच्छड़ भगवान !
गावी-गावी
कीत्र्तन
कीरतन
दिलवावै छोॅ तालीआठो
आúे
अंगे
ताली दै छौ पढ़ी-पढ़ी गाली
महिमा तोरोॅ लीला के, करेॅ बखान ! जै हो मच्छड़ भगवान !
Rahul Shivay
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