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आँसू / जयशंकर प्रसाद / पृष्ठ १
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01:17, 13 अगस्त 2016
आये तुम इस क्यारी में।
शशि मुख पर घूँघट डाले
,
अंचल
में चपल चमक-सी
आँखों
मे
काली पुतली
दीप छिपाए।
पुतली
जीवन की गोधूली
में
श्याम झलक-सी।
,
कौतूहल से तुम आए।
</poem>
वीरबाला
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