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सदस्य:राजेश शर्मा
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15:29, 4 सितम्बर 2016
जिस दिन रूप तुम्हारा देखा था निखार होते होते
जिस दिन रूप तुम्हारा देखा था निखार होते होते
और बच गए हम भी उस दिन निर्विकार होते होते
राजेश शर्मा
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