'''[[बीरेन्द्र कुमार महतो]]'''
'''जन्म:शिक्षा''' 17 जनवरी 1978: यूजीसी-नेट-जेआरएफ, चुटियापी-एच.डी., एम.फिल., अर्थशास्त्र और क्षेत्रीय भाषा नागपुरी में स्नातकोत्तर, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा, बी.एड. (राँचीविश्वविद्यालय)। कईएक पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन और कार्टूनिस्ट के तौर पर रचनात्मक जिन्दगी की शुरूआत। सन् 2002 में दैनिक जागरण से जुड़ने के बाद साप्ताहिक समाचार पत्र ‘अपनी राँची’ में समाचार संपादक, सन् 2004 से। ‘जोहार सहिया’, ‘झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा’ एवं ‘जोहार दिसुम खबर’ में कार्टूनिस्ट और संपादकीय टीम में 2006 से 2011 तक। दैनिक हिन्दी-उर्दू समाचार पत्र ‘जम्हूरियत टाइम्स’ में संपादक, जून 2013 से मार्च 2014 तक। इंकलाबी नवजवान लेखक संघ के संस्थापक-सचिव। अन्तरराष्ट्रीय शोध जर्नल ‘जनजातीय शोध’ और राष्ट्रीय षोध पत्रिका ‘सृजित’ के संपादकीय टीम में। पत्रकारिता के अलावा कठपुतली कला, कविता, कहानी और नाट्य लेखन में विगत सोलह वर्षों से लगातार सक्रिय। ‘झारखंड इन्साइक्लोपीडिया’,‘आदिवासी‘, ‘युद्धरत आम आदमी’ के अलावा राष्ट्रीय औरस्थानीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में हिन्दी-नागपुरी स्तम्भ, आलेख, कहानी, कविता, कार्टून प्रकाशित। जनपक्षीय कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य। झारखंड आंदोलन से जुड़के विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सृजनात्मक भागीदारी। कार्टूनिस्ट के रूप में सशक्त पहचान। झारखंड की पहली कठपुतली फिल्म ‘अक्षर की बरसात में भींगे ज्ञान भंडार’ और ‘100 दिन मिलेगा काम’ फिल्मकी कठपुतलियों का निर्माण और निर्देशन। अभी तक कई कठपुतली और नुक्कड़ नाटकों का निर्माण-निर्देशन। कठपुतली नाटकों का 350 से अधिक प्रदर्शन। कई एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के साथ संबद्ध। कठपुतली कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर और नागपुरी साहित्य में विशेष योगदान के लिए ‘पीटर शांति नवरंगी हीरानागपुर साहित सम्मान 2010’ से सम्मानित।
'''शिक्षा:प्रकाशित पुस्तकें''' यूजीसी-नेट-जेआरएफ: ‘नागपुरी भाषा शिक्षण एवं साहित्य’ (2008), पी-एच.डी., एम.फिल.‘हिमइत ना हार’ (कबिता संग्रह 2010), अर्थशास्त्र और क्षेत्रीय ‘नागपुरी भाषा नागपुरी में स्नातकोत्तरव्याकरण:एक अध्ययन’ (2012), जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीजी डिप्लोमा‘चमरा’ (कहनी संग्रह 2014), बी.एड. ‘स्मृतियों की कब्र से’ (राँची विश्वविद्यालयहिन्दी-नागपुरी कबिता संग्रह 2014), ‘झारखंड मिरर’ (सामान्य ज्ञान 2016)।‘झारखंड आंदोलन में महिलाओं का योगदान’ और ‘आदिवासियों में संचार माध्यमों काप्रभाव’ पर लघु षोध ‘हाशिए के स्वर’ और ‘झारखंड मानव अधिकार रपट-2001-2011’ पुस्तक में संपादन सहयोग।
कईएक पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन और कार्टूनिस्ट के तौर पर रचनात्मक जिन्दगी की शुरूआत। सन् 2002 में दैनिक जागरण से जुड़ने के बाद साप्ताहिक समाचार पत्र ‘अपनी राँची’ में समाचार संपादक, सन् 2004 से। ‘जोहार सहिया’, ‘झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा’ एवं ‘जोहार दिसुम खबर’ में कार्टूनिस्ट और संपादकीय टीम में 2006 से 2011 तक। दैनिक हिन्दी-उर्दू समाचार पत्र ‘जम्हूरियत टाइम्स’ में संपादक, जून 2013 से मार्च 2014 तक। अन्तरराष्ट्रीय शोध जर्नल ‘जनजातीय शोध’ और राष्ट्रीय षोध पत्रिका ‘सृजित’ के संपादकीय टीम में। पत्रकारिता के अलावा कठपुतली कला, कविता, कहानी और नाट्य लेखन में विगत सोलह वर्षों से लगातार सक्रिय। ‘झारखंड इन्साइक्लोपीडिया’,‘आदिवासी‘, ‘युद्धरत आम आदमी’ के अलावा राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में हिन्दी-'''शीघ्र प्रकाश्य''': ‘हुलचुलिया सामू’ (नागपुरी स्तम्भकार्टून कॉमिक्स), आलेख‘आंठू करइस्कूल’, कहानी‘गलती केकर’, कविता, कार्टून प्रकाशित। जनपक्षीय कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य। झारखंड आंदोलन से जुड़के विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर सृजनात्मक भागीदारी। कार्टूनिस्ट के रूप में सशक्त पहचान। झारखंड की पहली कठपुतली फिल्म ‘अक्षर की बरसात में भींगे ज्ञान भंडार’ और ‘100 दिन मिलेगा काम’ फिल्म की कठपुतलियों का निर्माण और निर्देशन। अभी तक कई कठपुतली और नुक्कड़ नाटकों का निर्माण-निर्देशन। कठपुतली नाटकों का 350 से अधिक प्रदर्शन। कईएक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के साथ संबद्ध। कठपुतली कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर और ‘अंतर कर मंतर’ (सभी नागपुरी साहित्य में विशेष योगदान के लिए ‘पीटर शांति नवरंगी हीरानागपुर साहित सम्मान 2010’ से सम्मानित।नाटक)
'''प्रकाशित पुस्तकें:संप्रति''' ‘नागपुरी भाषा शिक्षण एवं साहित्य’ (2008), ‘हिमइत ना हार’ (कबिता संग्रह 2010), ‘नागपुरी भाषा व्याकरण:एक अध्ययन’ (2012) ‘चमरा’ (कहनी संग्रह 2014), ‘स्मृतियों की कब्र से’ (हिन्दी-नागपुरी कबिता 2014), ‘झारखंड मिरर’ (सामान्य ज्ञान 2016)। ‘हाशिए के स्वर’ पुस्तक में संपादन सहयोग। '''शीघ्र प्रकाश्यः''' ‘हुलचुलिया सामू’ (नागपुरी कार्टून कॉमिक्स), ‘आंठू कर इस्कूल’, ‘गलती केकर’, ‘अंतर कर मंतर’ (सभी नागपुरी नाटक) '''संप्रति:''' त्रौमासिक त्रैमासिक नागपुरी पत्रिका ‘गोतिया’ और मासिक पत्रिका ‘छोटानागपुर पत्रिका‘ छोटानागपुर एक्सप्रेस’ का संपादन-प्रकाशन। '''संपर्क:''' ढुमसा टोली, चुटिया, राँची - 834001 झारखंड