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चिट्ठी पढाबै / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
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18:43, 15 सितम्बर 2016
जैसैं दही-बड़ा मिलै छै नून के बगैर।
हाकिम बिहाने धूप मेॅ
बंैठलोॅ
बैठलोॅ
उदास छै
चहकी केॅ टोकैॅ चिड़ियाँ कानून के बगैर।
Rahul Shivay
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