गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मैंने आहुति बन कर देखा / अज्ञेय
84 bytes removed
,
04:50, 26 फ़रवरी 2008
लेखक: [[अज्ञेय]]
{{KKGlobal}}
[[Category:कविताएँ]]
{{KKRachna
[[Category:
|रचनाकार=
अज्ञेय
]]
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
}}
मैं कब कहता हूं जग मेरी दुर्धर गति के अनुकूल बने,<br>
मैं कब कहता हूं जीवन-मरू नंदन-कानन का फूल बने ?<br>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits