2,756 bytes added,
15:17, 13 अक्टूबर 2016 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|रचनाकार=अज्ञात
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=छत्तीसगढी
}}
{{KKCatChhattisgarhiRachna}}
<poem>
चल गिंजर आबो संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
चल गिंजर आबो संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
बाहीं जोरे जोरे संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
बाहीं जोरे जोरे संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
तोरे अगोरा मा बेरा पहागे वो~~~ओ~~ओ
तोरे अगोरा मा बेरा पहागे वो~~~ओ
बड़ बेरा~ करे संगी~~~~इ~~इ
जी मा डर समागे का वो, चल गिंजर आबो
चल गिंजर आबो संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
बमरी के पेड़ गिरा ले पैरी ला~~~आ~~आ
बमरी के पेड़ गिरा ले पैरी ला~~~
मोर मन मा बसे हे~~~~ऐ~~
परदेसी बैरी गा, चल गिंजर आबो
चल गिंजर आबो संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
चांदी के मुंदरी रेशम के फुन्दरा~~~आ~~आ
चांदी के मुंदरी रेशम के फुन्दरा~~~आ
ले दुहूँ~ तोर बर संगी~~~इ~~
लाली के लुगरा वो, चल गिंजर आबो
चल गिंजर आबो संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
ले देबे जोड़ी मया के बंधना~~~आ~~आ
ले देबे जोड़ी मया के बंधना~~~आ
ले के आबे तैं हा डोली~~~इ~~
मोरेच अंगना मा, चल गिंजर आबो
चल गिंजर आबो संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
बाहीं जोरे जोरे संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
बाहीं जोरे जोरे संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
बाहीं जोरे जोरे संगी, सुपेला के बजार ले, गिंजर आबो
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader