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अस्वीकरण
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अब भी / शैलेन्द्र चौहान
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,
13:21, 1 मई 2008
बहुत अलग थी प्रतिक्रिया
उस बालक की
मां
माँ
की
असहज हुई वह
अक्सर तो नन्हे बालक
रोने
-
रोने को होते हैं
कभी
-
कभी जब
बच्चे होते हैं प्रसन्न
अनिल जनविजय
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