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फागुन मास / मुरली चंद्राकर

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है रे फागुन मास हो फागुन मास
कारी कोयलिया ताना मारे
भेद जिया के खोले रे
बंजर में बगियाये सेम्हर सैता ल डोलाथे
सुन्ना म सैया के सुरता मैंता ल भरमाथे
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