'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मण मस्तुरिया |संग्रह= }} {{KKCatGeet}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लक्ष्मण मस्तुरिया
|संग्रह=
}}
{{KKCatGeet}}
{{KKCatChhattisgarhiRachna}}
<poem>
पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला
तोर गांव के तोर काम के तोर नाम के पता देजा
पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला
का तोर गांव के पार दिवाना
डाकखाना के पता का
नाम का थाना कछेरी के तोरे
पारा मोहल्ला जघा का
को तोरे राज उत्ती बुड़ती रेलवाही का हवे सड़किया
पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला
मया नि चिन्हे रे देशी बिदेशी
मया के मोल ना तोल
जात बिजात ना जाने रे मया
मया मयारू के बोल
काया माया सब नाच नचाये
मया के एक नजरिया
पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला
जियत जागत रईबे रे बैरी
भेजबे कभुले चिठिया
बिना बोले भेद खोले रोये
जाने अजाने पिरितिया
बिन बरसे उमड़े घुमड़े जीव
मया के बैरी बदरिया