गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अपसृयमाना / राजेन्द्र किशोर पण्डा / संविद कुमार दास
103 bytes added
,
11:26, 11 दिसम्बर 2016
मुहाने की ओर बढ़ती नदी भी मेघ के वेश में उड़ कर
नमी देती है विंध्य पर्वत को !
'''मूल ओडिया से अनुवाद : संविद कुमार दास'''
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits