गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तलाश / सोना श्री
1 byte added
,
18:28, 12 दिसम्बर 2016
|रचनाकार=सोना श्री
}}
<poem
>
याद नहीं है
कब से खींची
कई घर तबाह कर देती
अपने आक्रोश में l
</poem>
सो मैं रूक गयी
साहिल तक जाती है
उसकी तलाश में
</poem>
Rahul Shivay
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,612
edits