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त्रिलोचन: धरती का हरसिंगार / डी. एम. मिश्र
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17:37, 1 जनवरी 2017
जो-जो लिखा त्रिलोचन ने वो याद करो
आम आदमी की अब पहले बात करो
महल छोड़कर कविता कुटियों में
पहँुची
पहुँची
राजमार्ग से चलकर गलियों में पहुँची।
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