लेखन हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में। पहली रचना ‘एक चेहरा आईना’ श्रीपत राय संपादित ''कहानी'' में प्रकाशित। रचनाएं ''कहानी, पहल, हंस, कथादेश, वागर्थ, ज्ञानोदय, साक्षात्कार, अक्षरपर्व, परिकथा, पल प्रतिपल, आजकल, इंडिया टुडे, आउटलुक, समयांतर, हिंदुस्तान, लोकमत समाचार'' समेत देश की लगभग सभी स्तरीय साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित तथा पटना दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से समय-समय पर प्रसारित।
'''प्रकाशित कृतियां''' : ''खोई दुनिया का सुराग'' (काव्य-पुस्तक), ''बीत चुके शहर में'' (काव्य-पुस्तक), ''कविता के विरुद्ध'' (काव्य-पुस्तक), ''गैस चैंबर के लिए कृपया इस तरफ'': नाजी यातना शिविर की कहानियां (पोलिश कथाकार ताद्युश बोरोवस्की की कहानियों का अनुवाद), ''संस्मृतियों में तोलस्ताय''(अनुवाद), ''बीत चुके शहर में'' (काव्य-पुस्तक)
'''संप्रति''' : बिहार विधान परिषद के हिंदी प्रकाशन विभाग में अधिकारीकी जिम्मेदरी से मुक्त (दिसंबर, 2014) हो कर अब पूर्णकालिक स्वतंत्र लेखन।
'''संपर्क''' : योगेंद्र कृष्णा, 822/400, रोड नं. 2800, राजवंशीनगरशास्त्री नगर, पटना : 800023