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मन वही फिर गीत गाए / अमरेन्द्र
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15:41, 13 फ़रवरी 2017
मौज के दिन लौट आए !
है पता
मुझकोµयहाँ
मुझको यहाँ
पर
कुछ नहीं है नित्य फिर भी,
चाहता
मनµप्राण
मन प्राण
पुलके
काल के हाथों में गिरवी;
सूख जायेगी कभी भी
Rahul Shivay
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