Changes

{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
दिवळै रो निरमोही च्यानणूं तो एक फूंक में ही आप रै ठौड ठिकाणै जांतो रयो पण ओ धुंऊँ तो ढे़टो पावणूं है, जको जठै यो'क बठै सूं सोरै सांस सिरकणै रो नाँव ही कोनी लै।
</poem>