गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
समय / माधवी चौधरी
2 bytes added
,
17:54, 31 मार्च 2017
राम, कृष्ण, नानक बनै, समय करै गुणगान।।
कहै
'
माधवी
'
हे समय! करोॅ पाप के नाश।
कतना दिन सहतै कहोॅ, धरती सत्य विनाश।।
</poem>
Rahul Shivay
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,574
edits