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दोस्त कहकर जो मिला / कुमार सौरभ
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दोस्त कहकर जो मिला
सबने ठगा
सबने छला
तुम मिले
दिल से लगाया
दोस्त कहकर बात की
डर गया
मैं हिल गया
रात भर सोया नहीं !!
</poem>
Kumar saurabh
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