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13:23, 17 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=आनंद कुमार द्विवेदी
|अनुवादक=
|संग्रह=फुर्सत में आज / आनंद कुमार द्विवेदी
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<poem>
हर सांस तेरा नाम लिए जा रहा हूँ मैं
सारे हसींन ख्वाब जिए जा रहा हूँ मैं
तू मुझको संभाले न संभाले तेरी मर्ज़ी
इतना तो होश है कि पिए जा रहा हूँ मैं
मूरत पे हक़ किसी का, पर ‘श्याम’ तो मेरा
कुछ इस तरह से प्यार किये जा रहा हूँ मैं
कातिल ने इस दफा भी मेरी जान बक्स दी
अब इस अदा पे जान दिए जा रहा हूँ मैं
जाऊं जहाँ भी मैं वो जगह तेरा दर लगे
इतना तो तुझे साथ लिए जा रहा हूँ मैं
दिल में तेरे रहूँ भला इसकी भी फिक्र क्या
‘आनंद’ तेरे नाम किये जा रहा हूँ मैं
</poem>
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