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आज सडकों पर / दुष्यंत कुमार
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12:17, 28 जुलाई 2006
आज अपने बाज़ुओं को देख पतवारें न देख।<br><br>
अब यकीनन ठोस है धरती
हकी़कत
हकीकत
की तरह,<br>
यह हक़ीक़त देख लेकिन खौफ़ के मारे न देख।<br><br>
Lalit Kumar
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