2,250 bytes added,
06:13, 25 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निर्मल कुमार शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=निरमल वाणी / निर्मल कुमार शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
लाला रे लाला, म्हारा लाला रे लाला
देवकी रा जाया, जसोदा रा दुलारा
थें लागो प्यारा-प्यारा, म्हाने लागो भाला -भाला !!
कंवळी पांखड़याँ ज्यूँ ओठ गुलाबी थांरा़
कंवळी पांखड़याँ ज्यूँ ओठ गुलाबी थांरा़
काजळीया नैण थांरा लागे मतवाला
लाला रे लाला, म्हारा लाला रे लाला !!
निजर लगे न थाने कोई ओपरी
निजर लगे न थाने कोई ओपरी
मस्तक लगाऊं थांरे टीका मैं काला
लाला रे लाला, म्हारा लाला रे लाला !!
नथली रा मोती म्हारे माथे री रखडी
नथली रा मोती म्हारे माथे री रखडी
थें ही तो हो रे म्हारे कंठन री माला
लाला रे लाला, म्हारा लाला रे लाला !!
देवकी री कोख माँ जसोदा री खोल्यां
देवकी री कोख माँ जसोदा री खोल्यां
वासुदेव- नन्द आन का थें रखवाला
लाला रे लाला, म्हारा लाला रे लाला !!
लाला रे लाला, म्हारा लाला रे लाला
देवकी रा जाया, जसोदा रा दुलारा
थें लागो प्यारा-प्यारा, म्हाने लागो भाला -भाला !!
</poem>