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मोर न होगा ...उल्लू होंगे / नागार्जुन
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12:39, 26 जून 2017
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<poem>
'''
बाबा
नागार्जुन
ने यह कविता आपातकाल के प्रतिवाद में लिखी थी।'''
ख़ूब तनी हो, ख़ूब अड़ी हो, ख़ूब लड़ी हो
अनिल जनविजय
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