Changes

काळ / ओम पुरोहित ‘कागद’

508 bytes added, 09:24, 28 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’
|अनुवादक=
|संग्रह=भोत अंधारो है / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कद सुकाळ!
काळ थिर
छापै पग
मुरधर काळजै।

काळ बगै
पेट पिलाण
धोकै मरुधर
धोरां-धोरां
पग-पग।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits