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12:19, 28 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= मधु आचार्य 'आशावादी'
|संग्रह=अमर उडीक / मधु आचार्य 'आशावादी'
}}
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<poem>
ओ राज है
कद सुणै किणी री बात
इणरै मन मांय
हर घड़ी चालै
घात ई घात
जणै इज तो बो
मुफलिस नै
दिखा सकै करामात
घात अर करामात
जाणै
अेक इज सबद
अेक इज सरथ
अर राज रा खास ।
</poem>
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