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02:11, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
बरत
भौत राखै मा
कदी इकांतरै
तो कदी लगौतार
पछै तुळछी सींचै
अर
सूरज जी नै
ढाळै गडियौ
तद
म्हां सगळां
खातर मांगै
मा
भगवान सूं आसीरवाद
नीरोग काया सारू।
</poem>
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