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02:27, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
टाबर
मार खाण रै
थोड़सीक ताळ पछै
हुज्यै
बीस्या रा बीस्या
टाबर
नीं बांधै गांठ
अर आपां
थोड़सीक बात माथै
बांधल्यां घुळगांठ।
</poem>
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