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02:28, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
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<poem>
टाबर
जे स्याणा बण'र रैसी
तद
स्याणा नै
दिखाणा पड़ैगा
टाबर
बै'इज हुवै चोखा
जिका
रैवै टाबरां दांईं।
</poem>
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