Changes

किरसाण.. / दीनदयाल शर्मा

1,114 bytes added, 03:00, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=रीत अर प्रीत / दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
खेत मांय
इन्नै-उन्नै
गिणती रा
बळ्योड़ा सा
बाजरी रा बूँटा

अर
काचर-मतीरड़्यां री
अळसायोड़ी बेलां नै
निरखतौ-पळूंसतौ
सियाळै-उन्याळै
ठरतौ-बळतौ
चळू-चळू सींचतौ

टाबरां नै
पधेड़्यां चढायां
टैम-बेटैम बिलमांवतौ
बावळैतरियां
उभाणै पगां भाजतौ
अर आँख्यां फाड़तौ

इण रेत रै
संमदर मांय
कांईं जोवै


नान्ही सी ज्यान

मुड़दल सो किरसाण ।

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits