Changes

मिनख-१ / दुष्यन्त जोशी

793 bytes added, 06:30, 29 जून 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
गळ्यां टेडी-मेडी
अर कित्ती संकड़ी है
चालणौ भौत दोरौ है
इणां माथै

पण
बै भी मिनख है
जिका
$खुद बणावै
पगडंडी

बै जठै खड़्या हुवै
लैण बठै सूं सरू हुवै

बा नै लखदाद है
बा नै घणा-घणा रंग
जिका जीतै
बार-बार जंग।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits