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06:51, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
}}
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<poem>
मुळक
कदी-कदी
दीखै थारै मुंडै
अर दरद
चिपाए राखौ
टैम-बेटैम
आओ
आपां जीवण नै समझां
अर
अेकदूजै सूं
करां प्रेम।
</poem>
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