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06:55, 29 जून 2017 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दुष्यन्त जोशी
|अनुवादक=
|संग्रह=अेकर आज्या रै चाँद / दुष्यन्त जोशी
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<poem>
पैली
बै
बींनै पींवता
अबै
बा
बानै पीवै
सूक र
काँटा हुग्या
देखो
कित्ताक दिन जीवै।
</poem>
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